शेयर बाजार में हर हफ्ते कोई न कोई सस्ता स्टॉक चर्चा में आ ही जाता है। इस बार बात हो रही है एक ऐसे शेयर की जो महज़ ₹2 के आसपास ट्रेड कर रहा है — नाम है Anupam Finserv Ltd।
नाम सुनते ही कई लोगों को लगेगा कि शायद ये किसी फाइनेंशियल ग्रोथ स्टोरी की शुरुआत है। लेकिन ज़रा ठहरिए, क्योंकि हर तेजी के पीछे कोई ठोस वजह हो, ये ज़रूरी नहीं।
पिछले कुछ दिनों में क्या हुआ?
ये स्टॉक बीते एक महीने में करीब 56% चढ़ चुका है, और पिछले 5 दिनों में ही 34% ऊपर भागा है। कई जगहों पर इसे “बजाज फाइनेंस को टक्कर देने वाला” तक बता दिया गया है — जो सुनने में थोड़ा ज़्यादा ही बोल्ड दावा लगता है।
कंपनी है क्या?
- नाम: Anupam Finserv Ltd
- शेयर प्राइस: लगभग ₹2
- मार्केट कैप: ₹53 करोड़ के करीब
- शुरुआत: 1991
- सेक्टर: लीजिंग और फाइनेंसिंग
शेयर सस्ता है, ये बात तो सही है, लेकिन कम दाम का मतलब अच्छा सौदा हो — ऐसा हमेशा नहीं होता।
फाइनेंशियल हालात – सीधा-सपाट नजरिया
- पिछली तिमाही की सेल्स: ₹88 लाख
- नेट प्रॉफिट: करीब ₹2 लाख
- कंपनी पर कर्ज: ₹3 करोड़ से ज्यादा
- ROE (रिटर्न ऑन इक्विटी): सिर्फ 4%
- 5 साल की कंपाउंड सेल्स ग्रोथ: 11%
- P/E रेशियो: 105 (मतलब बहुत महंगा वैल्यूड है)
- डिविडेंड: नहीं देता
सबसे ज़रूरी बात — कंपनी मुनाफा कमाने के बावजूद डिविडेंड नहीं देती और ग्रोथ भी बहुत धीमी है। ऊपर से P/E इतना हाई है कि कोई लॉजिक नहीं बनता।
होल्डिंग पैटर्न में हलचल क्यों?
प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 51% है और पिछली तिमाही में उन्होंने अपनी होल्डिंग में 22% का इजाफा किया है। ये थोड़ा चौंकाता है — एक ऐसी कंपनी जहां फाइनेंशियल्स खास नहीं हैं, वहां प्रमोटर अचानक अपनी हिस्सेदारी क्यों बढ़ा रहे हैं?
इसे कुछ लोग पॉजिटिव सिग्नल मान सकते हैं, लेकिन यह भी मुमकिन है कि यह सिर्फ स्टॉक को एक्टिव दिखाने की चाल हो।
खतरे की घंटी?
- कंपनी की बैलेंस शीट पर बोझ बढ़ता दिख रहा है
- ऑपरेटर एक्टिविटी का अंदेशा है — यानी शेयर को कुछ लोग जानबूझकर चलाने की कोशिश कर सकते हैं
- डिविडेंड नहीं, ग्रोथ धीमी, और मुनाफा मामूली — यह सब मिलाकर बहुत कुछ कहता है
- लॉन्ग टर्म में टिकने के लिए कुछ भी ठोस नहीं दिखता
साफ बात, बिना घुमाए
अगर आप इस स्टॉक को सिर्फ इसलिए देख रहे हैं क्योंकि इसका प्राइस ₹2 है और ये “तेजी में है”, तो दोबारा सोचिए। शेयर मार्केट में तेजी कभी भी अस्थायी हो सकती है, लेकिन कमजोर फंडामेंटल्स का असर देर-सबेर दिखता ही है।
निवेश करने से पहले ज़रूरी है कि आप कंपनी की बैलेंस शीट, कैश फ्लो, कर्ज की स्थिति और बिज़नेस मॉडल को खुद समझें — सिर्फ सोशल मीडिया की खबरों या ग्रुप्स पर भरोसा ना करें।
और हां, फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लिए बिना ₹2 के चकाचौंध में न पड़ें।
डिस्क्लेमर:
stocklern.in पर दी गई सभी जानकारियाँ केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रदान की जाती हैं। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
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