चीन की चाल में फंसी सुजुकी, बंद करना पड़ा स्विफ्ट का प्रोडक्शन – भारत के लिए भी खतरे की घंटी!

क्या आपने सोचा है कि एक देश का फैसला आपकी अगली कार खरीदने की प्लानिंग बिगाड़ सकता है?
जी हां, यही हुआ है। चीन ने कुछ बेहद जरूरी धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल्स) के निर्यात पर रोक लगा दी है, और इसका असर अब दिखने लगा है।

जापान की जानी-मानी कार निर्माता कंपनी सुजुकी को अपनी सबसे लोकप्रिय कार ‘स्विफ्ट’ का उत्पादन बंद करना पड़ा है। वजह? वो जरूरी कंपोनेंट्स अब मिल नहीं रहे क्योंकि चीन से उनकी सप्लाई रुक गई है।

क्या है पूरा मामला?

अप्रैल में चीन ने 7 रेयर मेटल्स के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी। ये धातुएं किसी भी इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड गाड़ी में बेहद अहम रोल निभाती हैं – मोटर से लेकर बैटरी तक में।

नतीजा?
सुजुकी को 26 मई से 6 जून तक स्विफ्ट का प्रोडक्शन रोकना पड़ा। ये कोई छोटा झटका नहीं है – ये तो बस शुरुआत है।

कौन-कौन से मेटल्स पर लगा है बैन?

चीन ने जिन धातुओं पर रोक लगाई है, उनके नाम शायद आपको टेक्स्टबुक जैसे लगें – लेकिन ये हर कार और मोबाइल के दिल में होती हैं:

  • टेरबियम
  • यिट्रियम
  • डिस्प्रोसियम
  • गैडोलीनियम
  • ल्यूटेशियम
  • सैमरियम
  • स्कैंडियम

अब सोचिए, अगर ये नहीं मिलें तो गाड़ियों के इंजन से लेकर मोबाइल के प्रोसेसर तक सब रुक सकता है।

भारत को कितना असर होगा?

आप सोच रहे होंगे – “भाई, ये तो जापान की बात है। भारत पर क्या असर पड़ेगा?”

तो सुनिए – SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) पहले ही कह चुका है कि अगर जल्दी कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं मिला, तो भारत की गाड़ियों का भी हाल बुरा होगा।

फिलहाल कुछ कंपनियों के पास जून के अंत तक का स्टॉक है। लेकिन उसके बाद?

  • कारों की वेटिंग बढ़ेगी
  • कीमतें ऊपर जाएंगी
  • खासकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन रुक सकता है

ग्राहक के लिए क्या मतलब?

आपके लिए दो बातें सबसे जरूरी हैं:

  1. नई कार खरीदनी है? तो इंतजार करना पड़ सकता है
  2. इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतों में उछाल आ सकता है

मतलब, इस बार कार खरीदना जेब पर ज्यादा भारी पड़ सकता है।

अब आगे क्या?

भारत समेत कई देश अब विकल्प तलाशने में जुटे हैं – ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, या अफ्रीका से ये मटेरियल लाने की कोशिश हो रही है। कुछ देश घरेलू उत्पादन की सोच रहे हैं, लेकिन उसमें वक्त लगेगा।

आखिरी बात…

चीन की ये चालदारी सिर्फ कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि आम आदमी की जिंदगी पर भी असर डाल रही है।
अगर जल्द हल नहीं निकला, तो कल को सिर्फ कारें नहीं, बल्कि मोबाइल, लैपटॉप, और टीवी भी महंगे हो सकते हैं।

इसलिए जरूरी है कि भारत और बाकी दुनिया इस सप्लाई चेन पर चीन की पकड़ को तोड़ने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाएं।

डिस्क्लेमर:
stocklern.in पर दी गई सभी जानकारियाँ केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रदान की जाती हैं। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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