अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन दिग्गज टेस्ला (Tesla) भारत में अपनी एंट्री को लेकर गंभीर है, लेकिन 100% आयात शुल्क एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में इस मुद्दे पर चिंता जताई है।
टेस्ला अधिकारी ने क्या कहा?
- टेस्ला के ट्रैविस एलेक्सरॉड ने कहा कि भारत एक “हॉट मार्केट” है, जहां कंपनी व्यापार करना चाहती है।
- लेकिन भारत में इलेक्ट्रिक कारों के आयात पर 70% बेसिक टैक्स + 30% लग्जरी टैक्स लगता है, जिससे कुल 100% टैक्स बैठता है।
- उन्होंने कहा, “इससे ग्राहकों को लगता है कि वे कार के लिए बहुत ज्यादा पैसा दे रहे हैं, जबकि यह पैसा हमें नहीं, बल्कि सरकार को जा रहा है।”
क्या है टेस्ला की मुख्य चिंता?
🔹 कीमत बढ़ना: 100% टैक्स के कारण टेस्ला कारों की कीमत दोगुनी हो जाएगी, जिससे भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा मुश्किल होगी।
🔹 स्थानीय उत्पादन की जरूरत: टेस्ला चाहती है कि भारत सरकार टैक्स में छूट दे या मेक इन इंडिया के तहत स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करे।
भारत सरकार का क्या रुख है?
- भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है, लेकिन आयात शुल्क कम करने को लेकर अभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
- सरकार चाहती है कि टेस्ला जैसी कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करें, ताकि रोजगार बढ़े और देश में इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम मजबूत हो।
क्या हो सकता है समाधान?
✔️ टैक्स में छूट: सरकार इलेक्ट्रिक कारों के आयात शुल्क में कटौती कर सकती है।
✔️ मेक इन इंडिया: टेस्ला भारत में फैक्ट्री लगाकर स्थानीय उत्पादन शुरू कर सकती है।
✔️ जीएसटी में राहत: इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST कम करने से कीमतें कंट्रोल में रह सकती हैं।
निष्कर्ष:
टेस्ला भारत आना चाहती है, लेकिन 100% आयात टैक्स एक बड़ी बाधा है। अगर सरकार और टेस्ला के बीच कोई समझौता होता है, तो भारतीय बाजार में प्रीमियम इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें कम हो सकती हैं। क्या आपको लगता है कि टेस्ला को भारत में टैक्स छूट मिलनी चाहिए? कमेंट में बताएं!
डिस्क्लेमर:
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