FIIs की छुपी हुई रणनीति: छोटे शेयरों में जबरदस्त खरीदारी

भारतीय शेयर बाजार में हाल के महीनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की गतिविधियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं। अक्टूबर और नवंबर में भारी बिकवाली के बावजूद, FIIs ने कुछ चुनिंदा छोटी कंपनियों में निवेश कर सभी को चौंका दिया। इनमें Gujarat Toolroom Limited, SpiceJet Limited, और Sera Investments and Finance India Limited जैसे नाम शामिल हैं। आइए जानते हैं इन कंपनियों के पीछे के कारण और उनके प्रदर्शन की कहानी।

1. Gujarat Toolroom Limited: 28,000% राजस्व वृद्धि ने किया आकर्षित

  • मार्केट कैप: ₹225 करोड़
  • खासियत: मेडिकल डिस्पोजेबल्स और फार्मास्यूटिकल्स के लिए मोल्ड निर्माण।
  • FII निवेश: जीटा ग्लोबल फंड्स और एमिनेंस ग्लोबल फंड्स ने 13.58% हिस्सेदारी खरीदी।
  • वित्तीय प्रदर्शन:
    • FY23 की बिक्री ₹2 करोड़ से FY24 में ₹555 करोड़ (28,000% की वृद्धि)।
    • शुद्ध लाभ ₹1 करोड़ से बढ़कर ₹73 करोड़।
    • EBITDA ₹2 करोड़ से ₹76 करोड़ तक पहुंचा।
  • शेयर प्रदर्शन: पिछले 5 वर्षों में 2,700% की वृद्धि, ₹0.50 से ₹14 तक।
  • अहम डील: रिलायंस इंडस्ट्रीज के जामनगर प्लांट के लिए सप्लाई ऑर्डर।

2. SpiceJet Limited: जोखिम भरे उड़ान में निवेश

  • मार्केट कैप: ₹7,886 करोड़
  • FII निवेश: जून तिमाही में 1.81% से बढ़कर सितंबर तिमाही में 22.9%।
  • कारण:
    • Export Development Canada और Nordic Aviation Capital से Q400 विमान का अधिग्रहण।
    • ₹1,200 करोड़ की लागत में कटौती।
  • चुनौतियां:
    • FY19 की बिक्री ₹9,113 करोड़ से FY24 में ₹7,050 करोड़।
    • FY24 में ₹409 करोड़ का घाटा।
    • ऑपरेशनल फ्लाइट्स में गिरावट (74 से 28)।
  • भविष्य की उम्मीद: लागत में कटौती और ऑपरेशनल सुधारों से निवेशकों का भरोसा।

3. Sera Investments and Finance India Limited: छोटे कद का बड़ा मुनाफा

  • मार्केट कैप: ₹269 करोड़
  • FII निवेश: एरिस्का इन्वेस्टमेंट फंड (9.87%) और ज़ील ग्लोबल ऑपर्च्युनिटीज फंड (4.81%)।
  • वित्तीय प्रदर्शन:
    • FY19 की बिक्री ₹1 करोड़ से FY24 में ₹23 करोड़ (113% CAGR)।
    • शुद्ध लाभ ₹0 से ₹18 करोड़ (189% CAGR)।
  • शेयर प्रदर्शन: पिछले 5 वर्षों में ₹9 से ₹41.4 तक।
  • खास बात: घरेलू संस्थागत निवेशकों की अनुपस्थिति और प्रमोटर होल्डिंग में कमी।

FIIs की रणनीति: जोखिम और संभावनाओं का मेल

इन कंपनियों में FIIs की रुचि यह दर्शाती है कि भारी बिकवाली के बावजूद बाजार में अवसर मौजूद हैं। छोटी कंपनियों में निवेश जहां जोखिम भरा हो सकता है, वहीं संभावित रिटर्न भी उतना ही आकर्षक है।

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